डॉ. योगिता जोशी
शिक्षण कार्य से ताल्लुक़ रखने वाली डॉ. योगिता जोशी का रचना संसार विविधरंगी है। वे कहानी, कविता, आलेख, अनुवाद और लघुकथा लेखन करतीं हैं। वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखतीं हैं। देश-विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में उनके द्वारा लिखित शोध परक आलेखों का प्रकाशन हो चुका है। यह उनकी पाँचवीं प्रकाशित पुस्तक है।
साहित्यिक योगदान / कृतियाँ:
उनकी प्रकाशित कृतियों में तीन काव्य संग्रह ‘आजकल मैं खुल कर जीती हूँ', ‘एहसास और अन्य कविताएँ’ और 'जिंदगी का गणित' के अलावा एक बाल साहित्य की पुस्तक ‘ओ री चिरैया’ शामिल हैं। 'श्याम भजनावली' के साथ-साथ Pilot English शीर्षक से अंग्रेजी व्याकरण और स्पीकिंग की पुस्तक का उन्होंने संपादन भी किया है।
दो अन्य काव्य-संग्रह 'सितारे रहेंगे' और ‘अज्ञेय’ की वे सहयोगी रचनाकार हैं। एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तक ‘हनी सकल’ का उन्होंने हिंदी अनुवाद किया है।
राजस्थान राज्य पर केन्द्रित आलेख संग्रह एवं प्रख्यात साहित्यकारों की चुनिंदा रचनाओं की संपादित पुस्तकों पर कार्य जारी है, जिनका प्रकाशन प्रतीक्षारत है।
उनकी लघुकथाओं का अंग्रेजी, ओडिया, पंजाबी और बंगाली भाषाओं में अनुवाद हुआ है। विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी पत्र पत्रिकाओं में उनकी साहित्यिक रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं।
सम्मान:
वर्ष 2022 तथा 2023 में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदानों के लिए उन्हें ‘गुरुवंदन अलंकरण सम्मान से नवाज़ा गया है। वदान्ता इंटरनेशनल स्कूल, गोविंदपुरा द्वारा प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य सम्मान: 2022-2023 भी उनके नाम दर्ज़ है। इनके अलावा संपर्क संस्थान द्वारा प्रदत्त 'संपर्क श्री' सम्मान – 2023, एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2022-2023, शिक्षा सर्वोच्च सम्मान – 2023 और एजुकेशनल रिफॉर्मर अवार्ड – 2024 से उन्हें सम्मानित किया गया है।